श्रीमान नरेंद्र दामोदरदास मोदी
तयशुदा सच है, सृष्टि अभियंता श्रद्धेय विश्वकर्मा और भारत के प्रधान अभियंता श्रीमान् नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस (17 सितम्बर) की अनंत शुभमंगलकामनाएं ! सनातन धर्म और धर्मग्रंथ के परम्परानुसार बांग्ला सम्वत् का संक्रांति तिथि ग्रेगेरियन कैलेण्डर की माह की कुछ तिथियाँ लिए नियत है, जैसे- 14 जनवरी, 13 अप्रैल, 16 अगस्त, 17 सितम्बर। तिथि 17 सितम्बर को सृजन संक्रांति है, जिसदिन सृष्टि के त्रिदेवश्रेष्ठ ब्रह्मा के महान अभियंता / इंजीनियर विश्वकर्मन् विश्वकर्मा के पावन जन्मोत्सव के रूप में उनके पूजनोत्सव मनाये जाने की परम्परा है।
पौराणिक कथा के अनुसार दानवों के अभियन्ता मयदानव और देवताओं के अभियंता विश्वकर्मा में आपसी श्रेष्ठता की हमेशा प्रतियोगितार्थार्थ प्रतिद्वन्दिता रहा, देवगुरु वृहस्पति और दानवों के गुरु शुक्राचार्य की भाँति । पूजा श्रेष्ठता लिए देवों की होते आई है , चूंकि श्रेष्ठ होने के लिए नम्रता जरुरी है। भारत के प्रधानमन्त्री श्रीमान् नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को हुआ था। ‘नरेंद्र’ शब्द स्वयं में महान है, चूंकि नरेन्द्रनाथ अद्वैतवाद में पैठकर पूरी दुनिया के लिए स्वामी विवेकानंद कहलाये । वैसे भी नरों के राजा (इंद्र) नरेन्द्र होते हैं । हमारे श्री नरेंद्र मोदी जी पूरी दुनिया में भारत की साख को मजबूत कर रहे हैं । सचमुच में इस व्यक्ति में ऐसा आकर्षण तो जरूर है, जिसके तरफ खींचे चले जाते हैं सभी।
ध्यातव्य है, ‘मन की बात’ से इनकी प्रतिभा और भी मुखरित हुई है । बेबाकी से अपनी गरीबी को सबके सामने पर रखते हैं । परंतु जब ऊंचाई पाकर ऐसे भी लोग हैं जो गरीबी को छिपाते हैं और अनपढ़ पिता के पुत्र जब जज बन जाते हैं, तो पिता के लिए दूसरे को बताते सर्वेंट शब्द का इस्तेमाल कर बैठते हैं, किन्तु मोदी जी इनसे विलग हैं। जन्मदिवस पर ऐसे अभियंता को सादर शुभकामना। हाँ, हमें नरेंद्र नाम के पद्मश्री स्व. नरेन्द्र दाभोलकर के योगदान को भी नहीं भूलने चाहिए । किसी की कृति सभीकुछ मिलकर महान बनता है । इन अभियंताओं को मेरा सादर नमन ! सत चित्त नमन !