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14 Mar 2023 · 1 min read

*श्रम से पीछे कब रही, नारी महिमावान (कुंडलिया)*

श्रम से पीछे कब रही, नारी महिमावान (कुंडलिया)
————————————
श्रम से पीछे कब रही, नारी महिमावान
कोमल है यदि तो वही, शक्ति-रूप चट्टान
शक्ति-रूप चट्टान, खींचती रिक्शा दिखती
कभी उड़ा कर यान, कथा साहस की लिखती
कहते रवि कविराय, दूर हो दुनिया भ्रम से
जीत रही हैं विश्व, नारियॉं अपने श्रम से
————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 349 Views
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