श्रंगार
चांद के दीदार से बेहतर है तुम्हारे हुस्न का दीदार।
कलेजे को शीतल आनंदित कर देता रुप का संसार।
मोहनीय मूरत तुम्हारी इशक की ज्वाला भड़का देती है।
सूर्य की लालिमा सा है तुम्हारे आभामंडल का संसार।
विपिन
चांद के दीदार से बेहतर है तुम्हारे हुस्न का दीदार।
कलेजे को शीतल आनंदित कर देता रुप का संसार।
मोहनीय मूरत तुम्हारी इशक की ज्वाला भड़का देती है।
सूर्य की लालिमा सा है तुम्हारे आभामंडल का संसार।
विपिन