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2 Jul 2024 · 1 min read

श्रंगार

चांद के दीदार से बेहतर है तुम्हारे हुस्न का दीदार।
कलेजे को शीतल आनंदित कर देता रुप का संसार।
मोहनीय मूरत तुम्हारी इशक की ज्वाला भड़का देती है।
सूर्य की लालिमा सा है तुम्हारे आभामंडल का संसार।
विपिन

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