श्रंगार
अश्क आंखों से जो निकले कलेजा मुंह में आ गया।
तीर सा चुभ गया दिल में आंखों में अंधेरा छा गया।
तुमको नहीं देख सकता इस तरह से परेशान होते हुए।
अपनी परेशानियां मुझे दे दो मेरे सुख पर तुम्हारा दुख छा गया।
विपिन
अश्क आंखों से जो निकले कलेजा मुंह में आ गया।
तीर सा चुभ गया दिल में आंखों में अंधेरा छा गया।
तुमको नहीं देख सकता इस तरह से परेशान होते हुए।
अपनी परेशानियां मुझे दे दो मेरे सुख पर तुम्हारा दुख छा गया।
विपिन