श्रंगार
अगर हो जाए दीदार माशूक के कमबख्त दिल को सुकून हो जाए।
नज़र झुका कर वह देखें तो शर्मो हया से चेहरा लाल हो जाए
सांसें उफन जाने लगे सर्द हवाओं मे भी पसीना पेब्सत हो जाए।
इश्क बड़ी है इबादत मौहब्बत पनपे तो दिल सदके में झुक जाए।
विपिन
अगर हो जाए दीदार माशूक के कमबख्त दिल को सुकून हो जाए।
नज़र झुका कर वह देखें तो शर्मो हया से चेहरा लाल हो जाए
सांसें उफन जाने लगे सर्द हवाओं मे भी पसीना पेब्सत हो जाए।
इश्क बड़ी है इबादत मौहब्बत पनपे तो दिल सदके में झुक जाए।
विपिन