श्रंगार
महबूब की मौहब्बत में जो नशा है वह किसी और में नहीं।
बिना पिए चढ़ जाता किसी तरह से भी उतर सकता नहीं।
मौहब्बत वह भी करें ऐसा कोई कायदा या नियम तो नहीं।
साकी हो या शराब हो बिना मौहब्बत के कोई नशा नहीं।
विपिन
महबूब की मौहब्बत में जो नशा है वह किसी और में नहीं।
बिना पिए चढ़ जाता किसी तरह से भी उतर सकता नहीं।
मौहब्बत वह भी करें ऐसा कोई कायदा या नियम तो नहीं।
साकी हो या शराब हो बिना मौहब्बत के कोई नशा नहीं।
विपिन