श्रंगार
प्रियतम तुम उषा की लालिमा सी कान्तिवान युक्त मधुमास हो।
प्रियतम तुम पंखुड़ियों की सुवास सी मन के सुभाषित होने का आधार हो।
तुम हिरनी सी चपल कोयल सी मधुर संगीत की तरंगित लय ताल हो।
तुम सांसों की मलिका सागर की लहरों सी प्रेम का बहाती तूफान हो।
विपिन