श्याम की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम नाम की महिमा
खाटू तेरे दर पे आकर, समझ आज ये आया
श्याम नाम की जपे जो माला, सुखी वो जग में पाया
धन दौलत को जोड़ के मैनें, कोठी बड़ी बनाई
सोचा था उस कोठी में, खुशियाँ है सभी समाई
शीश महल के जैसा मैंने, उसको खूब सजाया
श्याम नाम की जपे जो माला, सुखी वो जग में पाया
महंगी गाड़ी ले लेकर, उसमें की खूब सवारी
धन्ना सेठ मैं कहलाया और मिली मुझे जमींदारी
दान धर्म को भूल गया और धन को भी खूब लुटाया
श्याम नाम की जपे जो माला, सुखी वो जग में पाया
चैन नहीं मेरे मन को बाबा, याद तेरी बस आई
दूर हुई मेरी चिन्ता सारी, मन में थी जो छाई
भक्तिभाव में ही सुख मिलता, अरविन्द नें आज बताया
श्याम नाम की जपे जो माला, सुखी वो जग में पाया
© अरविंद भारद्वाज