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25 Mar 2022 · 1 min read

शैलसुता सवैया

🙏
!! श्रीं !!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
🦚
शैलसुता सवैया
(१ नगण+६ जगण+ लगा)
*********************
मत मतभेद बढ़ा इतने मन में विषधार बहे बन के ।
अनबन को अब और न पोष न टूट गिरें मनके मन के ।।
जब तक प्रेम नहीं उगता सब व्यर्थ हुए क्षण जीवन के ।
मरुथल सा यह जीवन छोड़ अरे मन ! जी अब तू तन‌ के
*
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
🌻🌻🌻

Language: Hindi
236 Views
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