Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2023 · 1 min read

शेर

नजरे छीन लेना मुझसे ये मंजूर हैं भगवन् !
मगर मेरे नैना को मुझसे दूर कभी मत जाने देना !!
✍️राजा कुमार “चौरसिया”
बखरी, बेगुसराय

Language: Hindi
Tag: शेर
4 Likes · 265 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बाबा मैं हर पल तुम्हारे अस्तित्व को महसूस करती हुं
बाबा मैं हर पल तुम्हारे अस्तित्व को महसूस करती हुं
Ankita Patel
यह कलयुग है
यह कलयुग है
gurudeenverma198
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
कृतज्ञ बनें
कृतज्ञ बनें
Sanjay ' शून्य'
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
जब मैं मंदिर गया,
जब मैं मंदिर गया,
नेताम आर सी
ज़िंदगी मुझको गर बनाओगे
ज़िंदगी मुझको गर बनाओगे
Dr fauzia Naseem shad
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
है श्रेष्ट रक्तदान
है श्रेष्ट रक्तदान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कवि दीपक बवेजा
2591.पूर्णिका
2591.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सुनले पुकार मैया
सुनले पुकार मैया
Basant Bhagawan Roy
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
पूर्वार्थ
चलो क्षण भर भुला जग को, हरी इस घास में बैठें।
चलो क्षण भर भुला जग को, हरी इस घास में बैठें।
डॉ.सीमा अग्रवाल
** मन मिलन **
** मन मिलन **
surenderpal vaidya
*शिव शक्ति*
*शिव शक्ति*
Shashi kala vyas
दर्पण
दर्पण
Kanchan verma
दया समता समर्पण त्याग के आदर्श रघुनंदन।
दया समता समर्पण त्याग के आदर्श रघुनंदन।
जगदीश शर्मा सहज
हैप्पी न्यू ईयर
हैप्पी न्यू ईयर
Shekhar Chandra Mitra
***
*** " मनोवृत्ति...!!! ***
VEDANTA PATEL
मेरी भौतिकी के प्रति वैज्ञानिक समझ
मेरी भौतिकी के प्रति वैज्ञानिक समझ
Ms.Ankit Halke jha
मुहब्बत की बातें।
मुहब्बत की बातें।
Taj Mohammad
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
महक कहां बचती है
महक कहां बचती है
Surinder blackpen
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
Ravi Prakash
जहां हिमालय पर्वत है
जहां हिमालय पर्वत है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ज़माने   को   समझ   बैठा,  बड़ा   ही  खूबसूरत है,
ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Loading...