Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2024 · 1 min read

शुभ प्रभात

शुभ प्रभात

शुभ प्रभात मित्र जी सदा प्रसन्न होइए।
दिन सदा सुखांत हो उमंग बीज बोइए।
मिले अनंत स्नेह भाव शुभ्र कर्म कीजिए।
सहर्ष मित्रता चले सदैव घाव धोइए।
भव्य उर विशाल हो न संकुचन रहे कहीं।
विराट दिव्य बुद्धि हो असंतुलन कहीं नहीं।
संपदा विभूतियां रहें सप्रेम संग में।
परार्थ भावना खिले असीम अंग-अंग में।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
परम लक्ष्य
परम लक्ष्य
Dr. Upasana Pandey
3563.💐 *पूर्णिका* 💐
3563.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
बहु भाग जाती है
बहु भाग जाती है
पूर्वार्थ
You never come
You never come
VINOD CHAUHAN
*आत्म-मंथन*
*आत्म-मंथन*
Dr. Priya Gupta
🙅सीधी-बात🙅
🙅सीधी-बात🙅
*प्रणय प्रभात*
बेबसी!
बेबसी!
कविता झा ‘गीत’
इश्क चाँद पर जाया करता है
इश्क चाँद पर जाया करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
इक तुम्ही तो लुटाती हो मुझ पर जमकर मोहब्बत ।
Rj Anand Prajapati
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
तेरी यादों के साये में
तेरी यादों के साये में
हिमांशु Kulshrestha
*पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, रामपुर*
*पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, रामपुर*
Ravi Prakash
ढोंगी बाबा से सदा,
ढोंगी बाबा से सदा,
sushil sarna
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
Surinder blackpen
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध
Harminder Kaur
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
शिक़ायत नहीं है
शिक़ायत नहीं है
Monika Arora
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
कोई हादसा भी ज़रूरी है ज़िंदगी में,
कोई हादसा भी ज़रूरी है ज़िंदगी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आज वक्त हूं खराब
आज वक्त हूं खराब
साहित्य गौरव
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"प्लेटो ने कहा था"
Dr. Kishan tandon kranti
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...