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19 May 2023 · 1 min read

शीर्षक-“हर सुबह”(5)

हर सुबह सूरज की
नवीन किरणों संग
लाती नया संदेशा
नवीन उम्मीदें,नवीन आशा,
नव स्वप्नों की नवीन परिभाषा
प्रकृति की है यह नवीन अभिलाषा,

शुरुआत हो हर सुबह की
जिंदादिली से होकर,
पंछियों की गूंज से
एक नए राग का हो आगमन,

नवीन आशा के संचार के साथ
उमंग से भरी मन में उठी
नव धाराओं संग,
नव प्रकाश की उजली किरण
की तरह जगमग दीप हों प्रकाशवान,

निराशा को त्याग हो पुलकित मन,
घर आंगन उपवन-उपवन,
आकाशीय लालिमा के रंगों
का मिला स्वर्णिम उपहार,

फिर डोलेगा फूलों का शगल,
फिर खिलेंगे रंगबिरंगे महल,
खुशबू की चमक लिए
महकेगा चमन

आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल

3 Likes · 4 Comments · 732 Views
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