Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2022 · 1 min read

शीर्षक:पापा की अनमोल सीख

शीर्षक:पापा की हिंदुत्व सीख

अमर रहे भारत देश,अमर मेरे जवान रहे
बोल पापा के मुझे सदा ही याद रहे
हिंदू संस्कृति उच्च हमारी यही ज्ञान वो देते रहे
अध्यात्मिकता की अमर गाथा मुझे वो समझाते रहे
पापा की हिंदुत्व सीख…
एकता ही आधार शिला हैं हिदुत्व की
शक्ति जीवन हैं बस यही सिखलाते रहे
निर्बलता मृत्यु समान होती कहते रहे
कभी न हिम्मत हारना बतलाते रहे
पापा की हिंदुत्व सीख…
आत्मा अमर है विस्तार जीवन हैं
मृत्यु मात्र स्वप्न है सिखलाते रहे
संकुचन हैं कुछ समय का मृत्यु
आत्मा अमर हैं सिखलाते रहे
पापा की हिंदुत्व सीख..
जीव प्रेम करो प्रेम जीवन ही तो हैं
द्वेष मृत्यु समान होता हैं दुःख दाई
वैचारिक पवित्रता धारण करो बोलते थे
धैर्य और संयम से कार्य करो व सभी सुनो कहते थे
पापा की हिंदुत्व सीख..
आकांक्षा की इच्छा किसी से न रखो
सब के लिए नेक कार्य करते चलो कहते थे
अज्ञानता को दिया दिखा सको तो प्रयास करो
असमानता कुछ बंधन नही समान सब कहते रहे
पापा की हिंदुत्व सीख…

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

1 Like · 1 Comment · 272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
आधा किस्सा आधा फसाना रह गया
आधा किस्सा आधा फसाना रह गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
महादेव
महादेव
C.K. Soni
सेहत या स्वाद
सेहत या स्वाद
विजय कुमार अग्रवाल
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
थैला (लघु कथा)
थैला (लघु कथा)
Ravi Prakash
2532.पूर्णिका
2532.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"सागर तट पर"
Dr. Kishan tandon kranti
"डोली बेटी की"
Ekta chitrangini
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार का बँटवारा
प्यार का बँटवारा
Rajni kapoor
गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु
गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु
प्रेमदास वसु सुरेखा
? ,,,,,,,,?
? ,,,,,,,,?
शेखर सिंह
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
कृष्ण चतुर्थी भाद्रपद, है गणेशावतार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नववर्ष-अभिनंदन
नववर्ष-अभिनंदन
Kanchan Khanna
शाहकार (महान कलाकृति)
शाहकार (महान कलाकृति)
Shekhar Chandra Mitra
* विजयदशमी *
* विजयदशमी *
surenderpal vaidya
उधार ....
उधार ....
sushil sarna
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
DrLakshman Jha Parimal
मैं तो महज आवाज हूँ
मैं तो महज आवाज हूँ
VINOD CHAUHAN
तब घर याद आता है
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐अज्ञात के प्रति-36💐
💐अज्ञात के प्रति-36💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गज़ल
गज़ल
Mahendra Narayan
अपनी और अपनों की
अपनी और अपनों की
*Author प्रणय प्रभात*
स्वांग कुली का
स्वांग कुली का
Er. Sanjay Shrivastava
जब कोई साथ नहीं जाएगा
जब कोई साथ नहीं जाएगा
KAJAL NAGAR
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
Pardushan
Pardushan
ASHISH KUMAR SINGH
कहो कैसे वहाँ हो तुम
कहो कैसे वहाँ हो तुम
gurudeenverma198
Loading...