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15 Jun 2022 · 1 min read

चाय की चुस्की

चाय की चुस्की लेकर देखो,
भर लो चुस्ती और स्फूर्ति,
सुबह-सुबह श्रीमतीजी बोली,
लेकर हाथ, चाय की प्याली,
सुबह के अपने काम निबटाओ,
किचन में फिर हाथ बँटाओ,
बाद में फिर पढ़ना अखबार,
इससे पहले झाड़ो घर-द्वार,
मत सोचो, आज है इतवार,
देर तक सोने का छोड़ो विचार,
बाई की है दो दिन छुट्टी,
उसका बच्चा है बीमार,
दो बजे की रख ली किट्टी पार्टी,
उसमें जुटेंगी कॉलोनी की लेडी,
उठकर हाथ बँटा दो डार्लिंग,
चाय की चुस्की के संग गुड मॉर्निंग।

मौलिक व स्वरचित
©® श्री रमण
बेगूसराय (बिहार)

4 Likes · 6 Comments · 754 Views
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