शिव शंकर तुम भोले
शिव शंकर तुम भोले
भंडारी।
महिमा श्री राम गायें
तुम्हारी।।
देवाधिदेव महादेव
त्रिपुरारी।
सोलह सोमवार व्रत करें
क्वांरी।।
मन वांछित फल वो मिलें
सुखारी।
जग जाहिर कोई तुमसा न
पुरारी।।
सहज उमा जी ने किया तप
भारी।
वेदों इति इति महिमा गाई
तुम्हारी।।
चन्द्रमौलि हो हर हर गंगे
हरहारि।
अभिनंदन वंदन हो त्रिनेत्र
निहारि।।
स्वरचित एवं मौलिक
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी बुन्देलखण्ड