शिव मिल शिव बन जाता
सावन की रिमझिम के संग संग,
शिव पूजा की है धूम।
जन कहते शिव पूरे सावन
वर देते घूम घूम।
पंच विधि से कोई मनाए,
दस विधि कोई अपनाए।
षोडस विधि से पूजा कर कर,
महादेव को रिझायें।
भक्ति राह कठिन है भाई,
कोई कोई ही चल पाता।
अडिग भक्ति जो कर गया मन से,
शिव मिल शिव बन जाता।
चक्र अनाहत बसें महेशा,
संग में अचल सुता।
शिव पाने की एक ही युक्ति,
हृदय पर ध्यान जुता।
बेल,पुष्प,दुध दही वारि घृत,
पूजा प्रथम सोपान।
इससे भी आगे जाना है,
सही भक्ति को जान।
गुरु से मिल कर ध्याओं विधि से,
पदमासन मन ठान।
सुमिरन कर के चित्त टिका ले,
दिखेंगे शिव भगवान।
रावण भगीरथ ध्यान लगाया,
जाप से शिव गुण गाया।
शिव के दर्शन किया मगन हो,
मन चाहा वर पाया।
केवल सावन भर न पूजो,
पूजो जब तक सांस।
बिना कामना शिव को ध्याओं,
कट जाए जम की फांस।