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16 Feb 2020 · 1 min read

*”शिव अर्चना”*

“शिव अर्चना”
नीलकंठ महादेव,
माथे पे त्रिपुंड सोहे,
शीश गंगा ,धरे चंदा
भस्मी लगायें हैं
????????
भोला संग गौरा रानी,
दूल्हा बने शिव जी,
सखियों संग खुशियाँ,
विदा बेला आई है
????????
धुनी रमाये शिवजी,
बैठे अंतर्ध्यान से,
मन डगमगा रहा,
कौन चला बाण है
????????
अर्धनारीश्वर रूप,
ध्यान धरो शंकर,
दर्शन दो भोलेनाथ,
त्रिलोकी कहाये है
????????
ॐ नमः शिवाय शिव शम्भू

2 Likes · 1 Comment · 301 Views
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