शिक्षा
आओ सब मिलकर विचार करें,
शिक्षा में क्या मूलभूत सुधार करें।
गलतियां आज तक बहुत हो चुकी,
शुरुआत नई फिर एक बार करें।
मानव का सर्वांगीण विकास हो,
देश का संपूर्ण उद्धार करें।
शिक्षा पर सभी का अधिकार हो,
ना निम्न उच्च पर तकरार करें।
देश और धर्म सर्वोपरि हो,
शेष सभी का तिरस्कार करें।
समान शिक्षा की व्यवस्था हो,
आधार कुछ ऐसा तैयार करें।
एक पाठ्यक्रम हो और एक किताबें,
पढ़ाई चाहे उत्तर या दक्षिण करें।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर,
व्यवस्था का जीर्णोद्धार करें।
शिक्षा सुलभ और सुगम हो “रहबर”,
नहीं इसका कभी व्यापार करें।
इति।
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश।
5.9.2024