Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2022 · 1 min read

शिकवा

शिकवा नहीं कि तुम मुझे छोड़ के चले गऐ
गम तो ये कि तुम इतना जल्दी चले गए
जिन्दगी भर के लिए साथ चाहिए था और
तुम बगैर तुम्हारे जीने को कह कर चले गऐ

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 215 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all

You may also like these posts

*ताना कंटक सा लगता है*
*ताना कंटक सा लगता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"परमात्मा"
Dr. Kishan tandon kranti
तीखे दोहे
तीखे दोहे
Rajesh Kumar Kaurav
गर्मी के दिन
गर्मी के दिन
जगदीश शर्मा सहज
#आज_की_बात-
#आज_की_बात-
*प्रणय*
শত্রু
শত্রু
Otteri Selvakumar
#नादान प्रेम
#नादान प्रेम
Radheshyam Khatik
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
Rambali Mishra
गीत- तेरी मुस्क़ान मरहम से...
गीत- तेरी मुस्क़ान मरहम से...
आर.एस. 'प्रीतम'
संभालने को बहुत सी चीजें थीं मगर,
संभालने को बहुत सी चीजें थीं मगर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी
Mukesh Kumar Sonkar
*खारे पानी से भरा, सागर मिला विशाल (कुंडलिया)*
*खारे पानी से भरा, सागर मिला विशाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
23/93.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/93.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ना जा रे बेटा ना जा
ना जा रे बेटा ना जा
Baldev Chauhan
अंतिम इच्छा
अंतिम इच्छा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुमने जबसे है मेरा साथ छोड़ा,
तुमने जबसे है मेरा साथ छोड़ा,
आलोक पांडेय
हमनें कर रखें थे, एहतराम सारे
हमनें कर रखें थे, एहतराम सारे
Keshav kishor Kumar
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त
मुझसे रूठकर मेरे दोस्त
gurudeenverma198
कितनी प्यारी प्रकृति
कितनी प्यारी प्रकृति
जगदीश लववंशी
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
Ajit Kumar "Karn"
गिरें क्या जरा सा!
गिरें क्या जरा सा!
manjula chauhan
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
रुचि शर्मा
- तेरी आंखे जैसे झील का दरिया -
- तेरी आंखे जैसे झील का दरिया -
bharat gehlot
मां
मां
Dheerja Sharma
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
Abhishek Kumar Singh
माँ - बेटी
माँ - बेटी
Savitri Dhayal
आज की नारी
आज की नारी
Shriyansh Gupta
एक पीढ़
एक पीढ़
sheema anmol
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
Loading...