शायर की दासतां
एक मस्त मलंग हस्ती,
आज लापता है।
एक रिश्ता है आपसे,
वो रिश्ता राब्ता है।
मोहब्बत के तुजर्ब्बेकार की,
यही दासतां है।
जब सारा जहां सोता है,
एक शायर जागता है।।
#अरमान
एक मस्त मलंग हस्ती,
आज लापता है।
एक रिश्ता है आपसे,
वो रिश्ता राब्ता है।
मोहब्बत के तुजर्ब्बेकार की,
यही दासतां है।
जब सारा जहां सोता है,
एक शायर जागता है।।
#अरमान