*शादी (कुंडलिया)*
शादी (कुंडलिया)
शादी से परिवार की, होती है शुरुआत
पति-पत्नी का शुभ मिलन, सात जन्म की बात
सात जन्म की बात, सुदृढ़ बढ़ती है धारा
दो बच्चों का योग, सदा कहलाता प्यारा
कहते रवि कविराय, बनो फिर दादा-दादी
पोते-पोती पाल, करो फिर उनकी शादी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451