शहीदों की गाथा
कैसे कैसे वीरों की भूमि है माँ भारती मेरी
देश के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व लुटा डाला
छोटी सी उम्र में ही कुछ काम एसा कर ड़ाला
एक एक देशवासी का शीश आपने झुका डाला
लाला लाजपत राय का लेना था बदला जब
अंग्रेज सॉन्डर्स को गोलियों से तुमने भून ड़ाला
जाग रहे हैं हिन्दुस्तानी इतना बताने अंग्रेजो को
सेंट्रल असेम्बली में बम तक तुमने फेंक डाला
शहीदों में नाम अपना खुशी खुशी लिखा डाला
मौत को भी गले अपने हंसते हंसते लगा ड़ाला
आज शहादत है जिनकी उन वीर सपूतों को
हाथ जोड़ सुमन श्रद्धा के अर्पण मैंने कर डाला
हे वीर शहीद भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु
राष्ट्र भूलेगा कैसे बलिदान जो तुमने कर डाला
तेईस मार्च को चूमा जब फांसी का फंदा तुमने
उदाहरण राष्ट्रवाद का प्रस्तुत तुमने कर ड़ाला।
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट (मध्य प्रदेश)
23 मार्च 2021