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29 Sep 2021 · 1 min read

शहीदे-आज़म पर दोहे

ज़िन्दा है वो आज भी, जश्न मनाओ यार
देशप्रेम मक़सद रहा, देशभक्ति ही प्यार

नमन क्रांतिकारी भगत, तुम अमर महावीर
प्राण लुटाये राष्ट्र पर, तुम हो सच्चे वीर

क्रान्तिपथ से हटे नहीं, होली थी या ईद
सुखदेव-भगत-राजगुरु, हंसकर हुए शहीद

क़ैद नहीं मन्ज़ूर थी, तोड़ी सब ज़ंजीर
आज़ादी के वीर ने, बुलन्द की तक़दीर

खींची रेखाएँ अमिट, महाकाल के भाल
मत रोना ऐ माँ कभी, ज़िन्दा तेरा लाल

•••

Language: Hindi
2 Likes · 296 Views
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Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
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