Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2022 · 1 min read

यहॉं अफवाह का दरिया, बहाने लोग आए हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)

यहॉं अफवाह का दरिया, बहाने लोग आए हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)*
_________________________
1
यहॉं अफवाह का दरिया, बहाने लोग आए हैं
शहर में आग फिर देखो, लगाने लोग आए हैं
2
नमक-चीनी या आटे की, किसी भी बात पर हमको
ये दुश्मन देश के फिर, बरगलाने लोग आए हैं
3
न इनकी बात पर हर्गिज, तुम्हें विश्वास करना है
ये बेसिर-पैर की बातें, बताने लोग आए हैं
4
ये सारे चाहते हैं अब, अमन को खत्म कर देना
बतंगड़ बात का यह सब, बनाने लोग आए हैं
5
इन्हें कब भा रहे हैं देश के बढ़ते कदम आगे
ये झगड़े हममें आपस में, कराने लोग आए हैं
6
हमारा धैर्य ही सबसे बड़ी ताकत हमारी है
हमें उस धैर्य से ही, डगमगाने लोग आए हैं
———————————-
रचयिता:रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
आव्हान
आव्हान
Shyam Sundar Subramanian
आईना ही बता पाए
आईना ही बता पाए
goutam shaw
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Ritu Asooja
कुछ नही हो...
कुछ नही हो...
Sapna K S
वोट डालने जाएंगे
वोट डालने जाएंगे
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद
सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कोशिश न करना
कोशिश न करना
surenderpal vaidya
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
2673.*पूर्णिका*
2673.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता
पिता
Manu Vashistha
एक शाम ठहर कर देखा
एक शाम ठहर कर देखा
Kunal Prashant
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
Tum har  wakt hua krte the kbhi,
Tum har wakt hua krte the kbhi,
Sakshi Tripathi
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
*आइसक्रीम (बाल कविता)*
*आइसक्रीम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है ।
जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है ।
Buddha Prakash
ऐसे लहज़े में जब लिखते हो प्रीत को,
ऐसे लहज़े में जब लिखते हो प्रीत को,
Amit Pathak
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*Author प्रणय प्रभात*
बहुत ख्वाब देखता हूँ मैं
बहुत ख्वाब देखता हूँ मैं
gurudeenverma198
जन्माष्टमी महोत्सव
जन्माष्टमी महोत्सव
Neeraj Agarwal
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
गंवई गांव के गोठ
गंवई गांव के गोठ
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शायर तो नहीं
शायर तो नहीं
Bodhisatva kastooriya
💐प्रेम कौतुक-267💐
💐प्रेम कौतुक-267💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔
'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔
पंकज कुमार कर्ण
दोहे
दोहे "हरियाली तीज"
Vaishali Rastogi
Loading...