Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2023 · 1 min read

शहनाइयों में

ग़ज़ल
221-2121-1221-212

खुशबू किसी की आज भी पुरवाइयों में है
वो साथ मेरे चल रही तनहाइयों में है

करता है तू दिखावा तो मस्ती का हर घड़ी
दर्दीली धुन क्यों तेरी शहनाइयों में है

जो सोने की चिरैया मेरे मन में क़ैद है
फिर क्यों चहक रही घनी अमराइयों में है

वो दूर सिर्फ हो गई दुनिया की नज़र में
दिखती मुझे यूँ पास ही परछाइयों में है

लो प्रेम नाम पर तो सुधा शोर फिर मचा
गंधिल वो आज भी उन्हीं रुसवाइयों में है

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
4/1/2023

Language: Hindi
1 Like · 342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नये वर्ष का आगम-निर्गम
नये वर्ष का आगम-निर्गम
Ramswaroop Dinkar
आया सावन झूम के, झूमें तरुवर - पात।
आया सावन झूम के, झूमें तरुवर - पात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अपने वीर जवान
अपने वीर जवान
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
भेड़चाल
भेड़चाल
Dr fauzia Naseem shad
बलिदान
बलिदान
Shyam Sundar Subramanian
आप वक्त को थोड़ा वक्त दीजिए वह आपका वक्त बदल देगा ।।
आप वक्त को थोड़ा वक्त दीजिए वह आपका वक्त बदल देगा ।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
Anand Kumar
अपना ख़याल तुम रखना
अपना ख़याल तुम रखना
Shivkumar Bilagrami
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
सत्य कुमार प्रेमी
जब होती हैं स्वार्थ की,
जब होती हैं स्वार्थ की,
sushil sarna
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
श्याम सिंह बिष्ट
"द्रौपदी का चीरहरण"
Ekta chitrangini
दोहा-सुराज
दोहा-सुराज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
मेरी आरज़ू है ये
मेरी आरज़ू है ये
shabina. Naaz
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद जी)
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद जी)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
चंदा मामा ! अब तुम हमारे हुए ..
चंदा मामा ! अब तुम हमारे हुए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
surenderpal vaidya
आत्म  चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
आत्म चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐प्रेम कौतुक-428💐
💐प्रेम कौतुक-428💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जी लगाकर ही सदा
जी लगाकर ही सदा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*टाले से टलता कहाँ ,अटल मृत्यु का सत्य (कुंडलिया)*
*टाले से टलता कहाँ ,अटल मृत्यु का सत्य (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं
मैं
Ajay Mishra
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वही खुला आँगन चाहिए
वही खुला आँगन चाहिए
जगदीश लववंशी
तेरा होना...... मैं चाह लेता
तेरा होना...... मैं चाह लेता
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तुम्हारी आंखों का रंग हमे भाता है
तुम्हारी आंखों का रंग हमे भाता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...