Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2022 · 1 min read

शवरी

परम राम भक्त थी श्रमणा
शवरी ही कहलाती श्रमणा
कुलीन हृदया भक्त अनन्या
ऋषि मुनियों की करती सुश्रुषा
ऋषि मातंग आश्रम में

आंतरिक भक्ति होती प्रकट
प्रभु खाते शवरी बेर झूठे
टेक देखती थी प्रभु राम की
मतंग ऋषि ने कही बात आने की
भाव सेवा का था अति प्रबल
बाट देखे प्रभु की आश्रम में

पहुँचे राम आश्रम सीय ढ़ूढते
शवरी आकुलता की पलक पसारे
गद गद हुईं शवरी की हृदय स्थली
गिरते आँखों से अश्रु अति भारी
बेर झूठे प्रभु खाते प्रेम से
नवधा भक्ति के प्रवचन देते

Language: Hindi
17 Likes · 505 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
दीपावली त्यौहार
दीपावली त्यौहार
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
Neelam Sharma
इच्छाएं.......
इच्छाएं.......
पूर्वार्थ
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
बात ! कुछ ऐसी हुई
बात ! कुछ ऐसी हुई
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
गुफ्तगू तुझसे करनी बहुत ज़रूरी है ।
Phool gufran
वो काल है - कपाल है,
वो काल है - कपाल है,
manjula chauhan
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
गुप्तरत्न
সিগারেট নেশা ছিল না
সিগারেট নেশা ছিল না
Sakhawat Jisan
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोहा- सरस्वती
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*घर*
*घर*
Dushyant Kumar
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम रट गये  जुबां पे,
तुम रट गये जुबां पे,
Satish Srijan
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
*दिन गए चिट्ठियों के जमाने गए (हिंदी गजल)*
*दिन गए चिट्ठियों के जमाने गए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"कष्ट"
नेताम आर सी
2591.पूर्णिका
2591.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सुकरात के मुरीद
सुकरात के मुरीद
Shekhar Chandra Mitra
दुःख हरणी
दुःख हरणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बीत जाता हैं
बीत जाता हैं
TARAN VERMA
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
श्याम सिंह बिष्ट
एकाकीपन
एकाकीपन
लक्ष्मी सिंह
🌹🌹हर्ट हैकर, हर्ट हैकर,हर्ट हैकर🌹🌹
🌹🌹हर्ट हैकर, हर्ट हैकर,हर्ट हैकर🌹🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
ruby kumari
#मायका #
#मायका #
rubichetanshukla 781
कविता : याद
कविता : याद
Rajesh Kumar Arjun
अमृत वचन
अमृत वचन
Dp Gangwar
Loading...