शब्द पिरामिड
शब्द पिरामिड
जनसंख्या
बढ़ती रहती
भीषण वह लगती
रुकती कभी नहीँ य़ह
द्रुत गमन किया यह करती
बहुत समस्याएँ इससे निकली दिखातीं अब
जीवन कठिन गरीबी सिर पर आज घुमड़ती।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
शब्द पिरामिड
जनसंख्या
बढ़ती रहती
भीषण वह लगती
रुकती कभी नहीँ य़ह
द्रुत गमन किया यह करती
बहुत समस्याएँ इससे निकली दिखातीं अब
जीवन कठिन गरीबी सिर पर आज घुमड़ती।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।