वक़्त लिया तब शेर कहे हैं
चाहे देर सबेर कहे हैं
वक़्त लिया तब शेर कहे हैं
यूँ बाज कई मौक़ों पर भी
तत्काल कई शे’र कहे हैं
खूब कहा है सबने उनको
मैंने जितने शे’र कहे हैं
मीरो-ग़ालिब पे भी मैंने
बेहद अच्छे शे’र कहे हैं
मीरो-ग़ालिब की बस्ती में
सब मुझको भी दलेर कहे हैं