Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2018 · 1 min read

वक़्त था खुद को आजमाने का

वक़्त था खुद को आजमाने का
वादा करना था भूल जाने का

हम ये समझे उन्हें मुहब्बत है
उनका था शौक गुनगुनाने का

मानते जब हमें हो तुम अपना
फिर सबब क्या यूँ हिचकिचाने का

खाइयाँ और भी हुईं गहरी
फायदा क्या हुआ निभाने का

दिखती बेचैनियाँ हैं आँखों मे
कर न नाटक तू मुस्कुराने का

हमको रोका नहीं किसी ने भी
चाहिए पर बहाना आने का

‘अर्चना’ बात अपनी कहनी थी
था इरादा न दिल दुखाने का

02-01-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

662 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

जीवन का सत्य
जीवन का सत्य
Veneeta Narula
सत्य
सत्य
Rambali Mishra
पंडित मदनमोहन मालवीय
पंडित मदनमोहन मालवीय
नूरफातिमा खातून नूरी
ये पैसा भी गजब है,
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
बेटी दिवस
बेटी दिवस
Deepali Kalra
■ 24 घण्टे चौधराहट।
■ 24 घण्टे चौधराहट।
*प्रणय*
इतने दिनों के बाद
इतने दिनों के बाद
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया
अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
Anand Kumar
" लक्ष्य "
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
Kumar Kalhans
जहाँ खुदा है
जहाँ खुदा है
शेखर सिंह
मनुज न होता तो ऐसा होता
मनुज न होता तो ऐसा होता
उमा झा
रंग जाओ
रंग जाओ
Raju Gajbhiye
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
सत्य कुमार प्रेमी
झरोखा
झरोखा
Kanchan verma
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आओ बोलें
आओ बोलें
Arghyadeep Chakraborty
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
क्राई फॉर लव
क्राई फॉर लव
Shekhar Chandra Mitra
- तुझमें रब दिखता है -
- तुझमें रब दिखता है -
bharat gehlot
जिसको जीवन का केंद्र मान कर प्रेम करो
जिसको जीवन का केंद्र मान कर प्रेम करो
पूर्वार्थ
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"नींद नहीं आती है"
राकेश चौरसिया
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
sushil sarna
स्मार्ट फ़ोन
स्मार्ट फ़ोन
अरशद रसूल बदायूंनी
ज़िम्मेदारी उठाने की बात थी,
ज़िम्मेदारी उठाने की बात थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रुठ जाता हु खुद से
रुठ जाता हु खुद से
PRATIK JANGID
Loading...