” व्यवहारिकता “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
============
नाचें अपने तालों पर
अहंकार के पर्वत पर बैठ जाएं ,
लोगों को पहचानने में
आनाकानी करते रहें ,
समाज के कर्तव्यों से
दूर -दूर आप रहें ,
झूठी व्यवहारिकता का
स्वांग आप रचते रहें ,
व्यंगों के वाणों से
दूसरे को आघात
आप करते रहें !!
दूसरों की बात छोड़
अपनों से भेद – भाव
कितने दिन काम आएगा ?
सुखमय जीवन हमारा
गर्त में चला जाएगा !!
आखिर कितने दिनों तक
संकीर्ण राहों पर चलते रहेंगे
थक हार करके आजन्म
तक फिर पछताते रहेंगे !!
कार्य कोई नेक करें ,
समाज का उत्थान करें ,
साथ -साथ हम चलें ,
संसार में कुछ नाम करें !!
==================
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
१५,११,२०२१