वो बुद्ध कहलाया …
वो बुद्ध कहलाया …
दुःख-दर्द,खुशी,
सांसारिक व्याधियों के
कोलाहल में
आडंबर भरे संसार में
झूठे दिखावटी प्यार में
भौतिक रिश्तों के व्यापार में
जो निर्लिप्त भाव से
स्वयं को स्वयं में
समाहित कर सका
वो बुद्ध कहलाया
जिसने
यशोधरा को
देह प्रेम की शाश्वत आसक्ति को
जीवन उत्सव की
खिड़की खुलने से पूर्व ही
त्याग कर
वेदना का
सागर पीला
स्वयं को सांसारिक सुख से
विरक्त कर लिया
वो बुद्ध कहलाया
बोधि वृक्ष के नीचे
ध्यानमग्न हो
जिसने
जन्म-मरण से मोक्ष
हर्ष-विषाद की गहराई
अज्ञान और शोक की सच्चाई
प्रेम और क्रोध परतों की
ऊंचाई को पहचान
विश्व को अहिंसा और शान्ति का
सन्देश दिया
मोक्ष की राह दिखाई
वो दुनियावी सिद्धार्थ
बुद्ध
अर्थात
महात्मा बुद्ध कहलाया
सुशील सरना