वो गरीब थे!
वो रात भर ठण्ड से ठिठुरते रहे
छोटे बच्चे थे
गरीब थे
नही थे पैसे कुछ गर्म कपड़े ले ले
किसी ने उनकी सुध ना ली
नही किसी का उनके तरफ ध्यान गया
सब अपने अपने में व्यस्त थे
वो गरीब थे,छोटे बच्चे थे
रहने को घर नही,
खाने को खाना नही,
सोने को छत नही,
क्या करे मजबूर थे
हा वो गरीब जो थे
करुणा,भाव नही किसी का जागा
रात भर वो ठण्ड से ठिठुरते रहे
वो गरीब थे!!
®आकिब जावेद