Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2023 · 1 min read

*वोट डालकर आओ भइया (हिंदी गजल/ गीतिका)*

वोट डालकर आओ भइया (हिंदी गजल/ गीतिका)
_________________________
1
वोट डालकर आओ भइया
निर्भय बटन दबाओ भइ‌या
2
जो पैसे से वोट खरीदे
उसको सबक सिखाओं भइ‌या
3
गुंडागर्दी करे अगर जो
उसकी रपट कराओ मइ‌या
4
मानवता का चुनो रास्ता
जाति न मजहब जाओ भइ‌या
5
वोट डालना महापर्व है
यह त्यौहार मनाओ भइया
6
शत-प्रतिशत मतदान करो सब
लोकतन्त्र-गुण गाओ भइ‌या
7
झगड़ा करना बुरी बात है
शांति सदा फैलाओ भइ‌या
________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
मुक्त्तक
मुक्त्तक
Rajesh vyas
कभी कम नहीं हो यह नूर
कभी कम नहीं हो यह नूर
gurudeenverma198
हिन्दी दोहा बिषय-
हिन्दी दोहा बिषय- "घुटन"
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भारत देश
भारत देश
लक्ष्मी सिंह
*बीमारी न छुपाओ*
*बीमारी न छुपाओ*
Dushyant Kumar
💐अज्ञात के प्रति-108💐
💐अज्ञात के प्रति-108💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#एकअबोधबालक
#एकअबोधबालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
घोंसले
घोंसले
Dr P K Shukla
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
हिद्दत-ए-नज़र
हिद्दत-ए-नज़र
Shyam Sundar Subramanian
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कलरव में कोलाहल क्यों है?
कलरव में कोलाहल क्यों है?
Suryakant Dwivedi
एक श्वान की व्यथा
एक श्वान की व्यथा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
निःशुल्क
निःशुल्क
Dr. Kishan tandon kranti
हे राम ।
हे राम ।
Anil Mishra Prahari
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
मेरी फितरत ही बुरी है
मेरी फितरत ही बुरी है
VINOD CHAUHAN
राम आधार हैं
राम आधार हैं
Mamta Rani
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
Ravi Prakash
3092.*पूर्णिका*
3092.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! दर्द भरी ख़बरें !!
!! दर्द भरी ख़बरें !!
Chunnu Lal Gupta
#लघु_व्यंग्य
#लघु_व्यंग्य
*Author प्रणय प्रभात*
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
kab miloge piya - Desert Fellow Rakesh Yadav ( कब मिलोगे पिया )
kab miloge piya - Desert Fellow Rakesh Yadav ( कब मिलोगे पिया )
Desert fellow Rakesh
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
अभिनय चरित्रम्
अभिनय चरित्रम्
मनोज कर्ण
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
Paras Nath Jha
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
लेख-भौतिकवाद, प्रकृतवाद और हमारी महत्वाकांक्षएँ
लेख-भौतिकवाद, प्रकृतवाद और हमारी महत्वाकांक्षएँ
Shyam Pandey
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य
Pravesh Shinde
Loading...