वैध गुरु सी चाकरी —
वैध गुरु सी चाकरी —- चंद दोहे
कोर्ट कहे तो क्या कहे , वादी यों पछताय ,
रोगी मरता रोग से, लांछन दियो लगाय ।
जीव मरे तो क्यों मरे, ऐसी सबकी राय।
रोगी जीवित ही रहे , वैध रहे या जाय ।
संभाषण करते सभी , लिखे रोज अखबार ,
लाठी भी टूटी नहीं , साँप मर गया यार।
शिव होकर के क्या हुआ, शव से कैसी प्रीत।
वैध गुरु सी चाकरी , कर पछतावे मीत ।
15-10-2017 डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ,
सीतापुर ।