वे जनता की सेवा को फड़फड़ा रहे हैं
अन्ना आंदोलन से जन्मे केजरीवाल, घाघ नेता हो गए
दिल्ली से झाडू लेकर पंजाब पहुंच गए
अब कहते हैं सारे देश में इंकलाब लाएंगे
सारे देश में पर फैलाएंगे
बिजली पानी गाड़ी सब फ़ी कर
मतदाताओं को लुभाएंगे
जनता की गाड़ी कमाई से अपना साम्राज्य बनाएंगे
अब पूरे देश की जनसेवा के लिए फड़फड़ाड़ा रहे हैं
सेवा के बहाने खुद को चमका रहे हैं
क्या मतदाताओं को प्रलोभन, भ्रष्टाचार नहीं है ?
अपनी राजनीति चमकाने सरकारी खजाना लुटाना
कदाचार नहीं है?
ये क्या इंकलाब लाएंगे, साफ-साफ दिख रहा है
ये अलग करने की बात करते थे
राजनीति को साफ करने की बात करते थे
ये तो आम नेताओं की तरह ही हो गए
अन्ना जी संस्कार कहीं खो गए
क्या फ़ी बाली संस्कृति से, देश और नागरिक को नुकसान नहीं हो रहा?
आप आम से खास हो गए
राजनैतिक दल बना आप भी सभी जैंसे हो गए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी