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16 Jun 2024 · 1 min read

वृक्षों की भरमार करो

वृक्ष धरती की आत्मा
जंगल जलाशयों का
प्रमुख स्रोत..

फिर से एक अभियान चलाओ
हर सप्ताह एक वृक्ष लगाओ
कानन वन फिर से बढाओ..

वृक्षों की भरमार करो
जंगलों का कटान बंद करो
वसुंधरा का कुछ तो
मान करो..

वसुंधरा तप रही है
धधक रही..जल भी
गया सूख ..

पथराई आंखों से ताकती
पत्थर की इमारतें
नमी का नामोनिशान नहीं
जलाशय रहे हैं सूख..

आकाश का आक्रोश
वसुंधरा पर फैल रहा
है बनकर रोष – – –

सूर्य की धधकती ज्वालाओं
की तपन, वृक्षों का कटान किया
अब कैसे लगेगा,जड़ी-बूटियों का मरहम
मनुष्य तन में सत्तर प्रतिशत पानी
बूढ़ी होती जवानी..

वसुंधरा का क्या हाल किया
पत्थर की ईमारतें क्या देगीं
प्राकृतिक हवा,पानी जलस्रोतों
का दहन किया – –

वसुंधरा पर उपकार करो
धरती का श्रृंगार करो
वसुंधरा पर जीने का अधिकार मिला
वृक्षों की भरमार करो..

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