Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2024 · 1 min read

वृक्षों की भरमार करो

वृक्ष धरती की आत्मा
जंगल जलाशयों का
प्रमुख स्रोत..

फिर से एक अभियान चलाओ
हर सप्ताह एक वृक्ष लगाओ
कानन वन फिर से बढाओ..

वृक्षों की भरमार करो
जंगलों का कटान बंद करो
वसुंधरा का कुछ तो
मान करो..

वसुंधरा तप रही है
धधक रही..जल भी
गया सूख ..

पथराई आंखों से ताकती
पत्थर की इमारतें
नमी का नामोनिशान नहीं
जलाशय रहे हैं सूख..

आकाश का आक्रोश
वसुंधरा पर फैल रहा
है बनकर रोष – – –

सूर्य की धधकती ज्वालाओं
की तपन, वृक्षों का कटान किया
अब कैसे लगेगा,जड़ी-बूटियों का मरहम
मनुष्य तन में सत्तर प्रतिशत पानी
बूढ़ी होती जवानी..

वसुंधरा का क्या हाल किया
पत्थर की ईमारतें क्या देगीं
प्राकृतिक हवा,पानी जलस्रोतों
का दहन किया – –

वसुंधरा पर उपकार करो
धरती का श्रृंगार करो
वसुंधरा पर जीने का अधिकार मिला
वृक्षों की भरमार करो..

69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ritu Asooja
View all
You may also like:
सलीका शब्दों में नहीं
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
manjula chauhan
अजीब सी बेताबी है
अजीब सी बेताबी है
शेखर सिंह
यादों की तस्वीर
यादों की तस्वीर
Dipak Kumar "Girja"
" क्यों? "
Dr. Kishan tandon kranti
11-🌸-उम्मीद 🌸
11-🌸-उम्मीद 🌸
Mahima shukla
ये दूरियां मजबूरी नही,
ये दूरियां मजबूरी नही,
goutam shaw
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
हमें पता है कि तुम बुलाओगे नहीं
VINOD CHAUHAN
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
Mukesh Kumar Sonkar
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
Rituraj shivem verma
हम हंसना भूल गए हैं (कविता)
हम हंसना भूल गए हैं (कविता)
Indu Singh
सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3 *शख्सियत*
3 *शख्सियत*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
कशमें मेरे नाम की।
कशमें मेरे नाम की।
Diwakar Mahto
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
Basant Bhagawan Roy
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
चेहरे क्रीम पाउडर से नहीं, बल्कि काबिलियत से चमकते है ।
Ranjeet kumar patre
धड़कनों ने इबादत शुरु कर दी,
धड़कनों ने इबादत शुरु कर दी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दोस्ती बहुत प्यारा और ऊँचा  रिश्ता है ,, सदैव इसकी गरिमा बना
दोस्ती बहुत प्यारा और ऊँचा रिश्ता है ,, सदैव इसकी गरिमा बना
Neelofar Khan
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
*दो दिन सबके राज-रियासत, दो दिन के रजवाड़े (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दादी की वह बोरसी
दादी की वह बोरसी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ज़िंदगी के फ़लसफ़े
ज़िंदगी के फ़लसफ़े
Shyam Sundar Subramanian
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़  करु।
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़ करु।
Ashwini sharma
I want my beauty to be my identity
I want my beauty to be my identity
Ankita Patel
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
4154.💐 *पूर्णिका* 💐
4154.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अ ज़िन्दगी तू ही बता..!!
अ ज़िन्दगी तू ही बता..!!
Rachana
केशव
केशव
Shashi Mahajan
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
कवि रमेशराज
Loading...