विश्व हिंदी सम्मेलन
मॉरिशस में ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ !
जब अपने देश में ही हिंदी की इज़्ज़त नहीं है और भारतीयों के अँग्रेजियापा बकर-पुराण इस कदर हावी है कि सुबह होते ही ‘सुप्रभात’ नहीं ‘गुड मॉर्निंग’ कह बैठते हैं, ऐसे में ‘मॉरिशस’ में हिंदी सम्मेलन मनाना पिकनिक और सैर-सपाटे के अलावा और कुछ नहीं कहा जायेगा।
यह सरकारी खजाने की बर्बादी नहीं, तो क्या है ? मेरे कई मित्र भी इस पुनीत पिकनिक में वहाँ श्रृंगार रस की कविता बांच रहे हैं !