विश्व रिकार्ड(व्यंग्य)
विश्व रिकार्ड बनाने की,
लग रही भारत में हो़ड़।
गिनीज बुक में नाम हो,
कर रहे सब जोड-तोड।।
देश काल और परिस्थिति से,
हट रहा अब सबका ध्यान।
गिनीज बुक में भर नाम हो,
यही बन गया लक्ष्य महान।।
नेता अफ्सर या हो कर्मचारि,
चाहे जनता हो या पुजारी।
विश्व रिकार्ड बनाने की घुन
घूम रहे ज्यो घूमे भिखारी।।
हाथ धुलाई हो चाहे वृक्षारोपण,
मानव श्रृखला चाहे योगक्लास।
देश की चिंता छोडकर हमने,
रच दिया है एक नया इतिहास।।
शायद रिकार्ड बनाने में भी,
विश्व रिकार्ड बनायेगें।
गिनीज होगी सिर्फ भारत की,
तभी तो सुपर पॉवर कहलायेगें।।
राजेश कौरव “सुमित्र”