Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2018 · 4 min read

विलोम शब्द युक्त दोहे

01 (सत्य/असत्य)

कोई कहता सत्य है, कोई कहे असत्य।
मुझको भी देते बता, ईश तुम्हारे कृत्य।।

02 (हार/जीत, जीवन/मौत)

जीवन में औ’ मौत में, अंतर इतना मीत।
यह जीवन यदि हार है,मौत समझलो जीत।।

03 (घाटा-नफ़ा)

देखो मत घाटा-नफ़ा, करके प्यार महंत।
जग में सच्चे प्यार से, मिलती ख़ुशी अनंत।।

04 (ज़्यादा/कम)

ज़्यादा-कम मत देखिए, जब दे कोई दान।
देने वालों की नियत, होती बड़ी महान।।

05 (नर/नारी)

नर-नारी के बीच जब, हो न उचित व्यवहार।
चलता दोनों में तभी, जीवन भर तक़रार।।

06 (काला/गोरा)

काले-गोरे का नहीं, पालें मन में दंश।
होता सबका रंग तो, जिसका जैसा वंश।।

07 (छोटा/बड़ा, गरीब/अमीर)

कौन यहाँ छोटा-बड़ा, कौन गरीब-अमीर।
सबके जब दिखते यहाँ, एक समान शरीर।।

08 (पास/फेल)

कोर्ट-कोर्ट में खेलते,अलग-अलग से खेल।
कोई होता पास तो, कोई होता फेल।।

09 (आगत/गत)

आगत का सत्कार कर, गत को जाओ भूल।
वर्तमान को ही सदा, करिए मीत कबूल।।

10 (सुख/दुख)

कोई यम के वार से, बचता नहीं महंत।
सुख में या दुख में रहें, होता सबका अंत।।

11 (सुख/दुख)

माता अपने पुत्र की, सुनकर के आवाज।
पल भर में लेती लगा, सुख-दुख का अंदाज।।

12 (राजा/रंक)

चाहे कोई भी रहे, राजा-रंक महंत।
लाखों करें उपाय पर, होना निश्चित अंत।।

13 (लड़का/लड़की)

लड़का भी काॅलेज है, लड़की भी काॅलेज।
पर दोनों के बीच में, नाता करे दहेज।।

14 (बेटा/बेटी)

बेटा-बेटी में नहीं, करते हैं जो भेद।
ऐसे लोगों से कभी, किंचित करें न खेद।।

15 (रात/दिवस, सन्ध्या/सुबह)

कैसे तेरे प्रेम का, छाया है उन्माद।
रात-दिवस,संध्या-सुबह,आती तेरी याद।।

16 (सुबह/शाम, दिन/रात)

इतनी तुमसे आरजू , हे! मेरे जगदीश।
सुबह-शाम,दिन-रात मैं,तुम्हें नवाऊँ शीश।।

17 (दिन/रात)

चूल्हा चक्की से कहे, अपने दिल की बात।
जिस दिन तुम चलती नहीं,जलूँ न मैं उस रात।।

18 (रात/दिन)

करें परिश्रम रात-दिन, होकर के मजबूर।
जो सबको सुख दे रहा, वही सुखों से दूर।।

19 (दिन/रात)

लब से जो होती नहीं, आँखें करती बात।
पड़ता सबको मानना,यदि कह दिन को रात।।

20 (दिन/रात)

बात-बात की बात पर, करते रहते बात।
काम-काज जिनको नहीं,करते हैं दिन-रात।।

21 (सुबह/शाम, दिन/रात)

मैं तुमको देखा करूँ, सुबह-शाम, दिन-रात।
तुम मुझको देखा करो, तभी बनेगी बात।।

22 (सुबह/शाम)

आप कहें तो है सुबह, आप कहें तो शाम।
जैसा चाहा आपने , वैसा होगा काम।।

23 (माता/पिता, भाई/बहन)

हुए पराए पुत्र भी, जाते ही परदेश।
मात-पिता,भाई-बहन, भूले अपना देश।।

24 ( मात-पिता)

मात-पिता आशीष दें, करे तरक्की लाल।
दुनिया के संग्राम में, पाए लक्ष्य विशाल।।

25 (मात-पिता)

मात-पिता की बात को, जो भी माने मीत।
जग के हर संग्राम को, पल में जाते जीत।।

26 (गुण/दोष)

दोष रहित होता अगर, मानव का संसार।
धरती पर होता सदा,गुण का ही विस्तार।।

27 (हार/जीत)

जो पर को खुश देखने, हार मान ले मीत।
उनसे यह सारा जगत, कभी सके न जीत।।

28 (जीत/हार)

जश्न मनाते हैं सभी, जीत अगर हो यार।
मानें हम उस जश्न को, होती हो जब हार।।

29 (हार/जीत)

मन के हारे हार है,मन के जीते जीत।
मन से कभी न हारना, ओ मेरे मनमीत।।

30 (जल/थल)

जल थल में आकाश में, जिस ईश्वर का राज्य।
मन – मंदिर से वो भला, कैसे होंगे त्याज्य।।

31 (धरती/आकाश)

जम जाएँगे ठंड से, ये धरती आकाश।
दिया नहीं यदि सूर्य ने,अपना नवल प्रकाश।।

32 (आज/कल)

मौके को मत ढूंढ़िए, मौका तो है आज।
अपनाए जो आज को,कल पर करता राज।।

33 (माँ-बाप)

आज्ञा जो माँ-बाप की,अक्सर लेते मान।
उनका इस संसार में, बढ़ जाता सम्मान।।

34 (माँ-बाप)

दोबारा मिलते नहीं, दुनिया में माँ – बाप।
फिर क्योंकर तरसा रहे, उन दोनों को आप।।

35 (माँ/बाप)

आँखों पर पट्टी नहीं, बाँधे अब माँ-बाप।
बच्चों की हर हरक़तें, गौर कीजिए आप।।

36 ( नर/नारी)

नर से नारी का नहीं, होगा जो संयोग।
दुनिया में होगा नहीं, कोई भी उद्योग।।

37 (गुण-/दोष)

जो गुण को गुण कह रहे, और दोष को दोष।
जग के झूठे लोग सब, करते उस पर रोष।।

38 (प्रकट/गुप्त)

प्रकट नहीं करना कभी, जो हो बातें गुप्त।
ऐसी बातों को सदा, हो जाने दो लुप्त।।

39 (लेन/देन)

लेन-देन चोखा रखें, मधुर रखे सम्बंध।
रिश्तेदारी में तभी, आए मीठी गंध।।

40 (जीना/मरना)

जीना-मरना है प्रिये, मुझे आपके संग।
जीतेंगे तब साथ में, जीवन की यह जंग।।

41 (पानी/आग, दोस्ती/दुश्मनी)

हो यदि तेरी दोस्ती, तो जस फूल-पराग।
हो यदि तेरी दुश्मनी, तो फिर पानी-आग।।

42 (जमा/खर्च, कम/अधिक)

हो जाती दौलत जमा, चाहे कम हो आय।
ख़र्च नहीं करना अधिक, इसका सरल उपाय।।

43(धरती/अम्बर)

नीला अम्बर बन गया, धरती का परिधान।
देख अचंभित हो रहे, जग के चतुर सुजान।।

44(जहर/दवा)

जहर दवाई सम लगी , मुझको उस दिन यार।
जिस दिन मेरे मौत ने, छीने कष्ट अपार।।

45 (खण्डन/मण्डन)

खण्डन-मण्डन छोड़कर, लेखन पर दे ध्यान।
तब ही साहित्य में कवि, होगा तेरा मान।।

46 (धनवान/गरीब)

कोई है धनवान तो, कोई यहाँ गरीब।
सुख-साधन उसको मिले, जिसको प्राप्त नसीब।।

47 (गर्मी/सर्दी, छाया/धूप)

गर्मी में छाया सदृश, औ’ सर्दी में धूप।
मौसम के अनुरूप ही, प्रिये! तुम्हारा रूप।।

48 (लम्बी/चौड़ी)

लम्बी-चौड़ी हाँकते, दुनिया में जो लोग।
सच में करते ही नहीं, कोई भी उद्योग।।

49 (दाल/चावल, मिर्च/तेल)

दाल नहीं चावल नहीं, मिर्च न हल्दी-तेल।
हाय! गरीबी में प्रिये, बिगड़ गया सब खेल।।

50 (छोटी/मोटी)

छोटी-मोटी बात को, जो रखता है याद।
जीवन उसका सत्य ही, हो जाता बर्बाद।।

भाऊराव महंत

Language: Hindi
1 Comment · 1005 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज़ाद पंछी
आज़ाद पंछी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मूल्य मंत्र
मूल्य मंत्र
ओंकार मिश्र
तुम्हें पाने के लिए
तुम्हें पाने के लिए
Surinder blackpen
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा,
पूर्वार्थ
" मानस मायूस "
Dr Meenu Poonia
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
"जिसका जैसा नजरिया"
Dr. Kishan tandon kranti
**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
पत्नी
पत्नी
Acharya Rama Nand Mandal
संध्या वंदन कीजिए,
संध्या वंदन कीजिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कर्नाटक के मतदाता
कर्नाटक के मतदाता
*Author प्रणय प्रभात*
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
ruby kumari
वह एक वस्तु,
वह एक वस्तु,
Shweta Soni
*विश्वामित्र नमन तुम्हें : कुछ दोहे*
*विश्वामित्र नमन तुम्हें : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
दिल तमन्ना
दिल तमन्ना
Dr fauzia Naseem shad
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
Subhash Singhai
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
Sanjay ' शून्य'
किया आप Tea लवर हो?
किया आप Tea लवर हो?
Urmil Suman(श्री)
अश्रु
अश्रु
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
यह तेरा चेहरा हसीन
यह तेरा चेहरा हसीन
gurudeenverma198
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
हसरतें हर रोज मरती रहीं,अपने ही गाँव में ,
Pakhi Jain
पाने की आशा करना यह एक बात है
पाने की आशा करना यह एक बात है
Ragini Kumari
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
तुम याद आए
तुम याद आए
Rashmi Sanjay
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
Salman Surya
सुपर हीरो
सुपर हीरो
Sidhartha Mishra
भारत का लाल
भारत का लाल
Aman Sinha
तुम्हीं तुम हो.......!
तुम्हीं तुम हो.......!
Awadhesh Kumar Singh
Loading...