विपक्ष की भूमिका में कवि
एक तीर चढ़ी कमान-सी
तनी हुई है!
अब तो कविता ही विपक्ष
बनी हुई है!!
खाकी या खादी से इतनी
मुझे है घृणा
क्योंकि मानवीय रक्त से यह
सनी हुई है!
Shekhar Chandra Mitra
एक तीर चढ़ी कमान-सी
तनी हुई है!
अब तो कविता ही विपक्ष
बनी हुई है!!
खाकी या खादी से इतनी
मुझे है घृणा
क्योंकि मानवीय रक्त से यह
सनी हुई है!
Shekhar Chandra Mitra