Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2024 · 1 min read

.: विधा सयाली छंद

.: विधा सयाली छंद
अपने
सपनो मारते
दुखों छिपाते सहसा
छलक जाती
आंखे

अक्सर
स्याह रात
सर्द,निस्तेज मुख
मध्य स्वप्न
तेजस्वी

सृजन
पहले ही
तोड़ देती दम
और ठंडी
आहे

संकीर्ण
सीलन परंपराएं
सिमट जाती अक्सर
मध्य स्वप्न
ओजस्वी

चोट भूला हिना
रच जाती
घरसंसार में
पं अंजू पांडेय अश्रु

19 Views

You may also like these posts

"रचना अतिथि होती है। जो तिथि व समय बता कर नहीं आती। कभी भी,
*प्रणय*
"आदमी की तलाश"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसानियत
इंसानियत
अशोक कुमार ढोरिया
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
sudhir kumar
कामना-ऐ-इश्क़...!!
कामना-ऐ-इश्क़...!!
Ravi Betulwala
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
Abhishek Soni
गलती पर फटकार
गलती पर फटकार
RAMESH SHARMA
*कभी जिंदगी अच्छी लगती, कभी मरण वरदान है (गीत)*
*कभी जिंदगी अच्छी लगती, कभी मरण वरदान है (गीत)*
Ravi Prakash
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
सत्य कुमार प्रेमी
#दादा जी की यादों से
#दादा जी की यादों से
"एकांत "उमेश*
मुहब्बत ने मुहब्बत से सदाक़त सीख ली प्रीतम
मुहब्बत ने मुहब्बत से सदाक़त सीख ली प्रीतम
आर.एस. 'प्रीतम'
पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है
पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
- रिश्ते व रिश्तेदारों से हारा हु -
- रिश्ते व रिश्तेदारों से हारा हु -
bharat gehlot
जिसके भीतर जो होगा
जिसके भीतर जो होगा
ruby kumari
बेख़्वाईश ज़िंदगी चुप क्यों है सिधार गयी क्या
बेख़्वाईश ज़िंदगी चुप क्यों है सिधार गयी क्या
Kanchan Gupta
अब तुझे जागना होगा।
अब तुझे जागना होगा।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
नज़र से क्यों कोई घायल नहीं है...?
नज़र से क्यों कोई घायल नहीं है...?
पंकज परिंदा
अभिशाप
अभिशाप
दीपक झा रुद्रा
11-🌸-उम्मीद 🌸
11-🌸-उम्मीद 🌸
Mahima shukla
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सच्चा दिल
सच्चा दिल
Rambali Mishra
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
Neelofar Khan
2874.*पूर्णिका*
2874.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राख के धुंए में छिपा सपना
राख के धुंए में छिपा सपना
goutam shaw
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
"कितना कठिन प्रश्न है यह,
शेखर सिंह
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
पूर्वार्थ
#'सजल' एक जीवन परिचय
#'सजल' एक जीवन परिचय
Radheshyam Khatik
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पैसा
पैसा
Mansi Kadam
Loading...