विजय
विजय
एक बार यदि हार गए तो,
उसे हार तुम मत मानो।
उसी डगर को तुम जीतोगे,
मन में यह निश्चय जानो।
औरों के कुछ भी कहने से,
अन्य राह मत अपनाओ,
कितनी भी बाधाएं आएं,
उन पर सदा विजय पाओ।
आगे जाकर के बाधाएं,
स्वयं नष्ट हो जाएंगी।
तुम्हें शीर्ष पर वह पहुंचा कर,
खुद ही खुद हट जाएंगी।
इंदु पाराशर