वाह नेताजी वाह
वाह नेताजी वाह
कमाल कईनी जी
धोतिया के फाड़के
रूमाल कईनी जी…
(१)
सपना देखाके
आच्छा दिन के
देशवा के सगरी
कंगाल कईनी जी…
(२)
चौकीदार बनके
पूंजीवाद के
किसान-मजदूर के
हलाल कईनी जी…
(३)
अपने तअ जीएनी
ठाट-बाट से
आम जनता के
बेहाल कईनी जी…
(४)
लोग के उलझाके
मंदिर-मस्जिद में
चुनाव जीते खातिर
बवाल कइनी जी…
(५)
कानून-बेवस्था के
धज्जी उड़ाके
खूबे रामराज
बहाल कइनी जी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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