Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2023 · 1 min read

वादा है अपना

अब दिन हो चाहे
रात चलेंगे
हम तो तुम्हारे
साथ चलेंगे…
(१)
सदा कांधे से
कांधा मिलाकर
लेकर हाथों में
हाथ चलेंगे…
(२)
कुछ आप बीती
कुछ जग बीती
कहते-सुनते हुए
बात चलेंगे…
(३)
हमें कोई रोके
या टोके
जब तक चलेगी
सांस चलेंगे…
(४)
चाहे न मिले
सपनों की मंज़िल
लेकिन उसके आस
पास चलेंगे…
‌‌ #Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#राजनीतिककविता #Romantic
#गीतकार #जनवादीगीत #वादा
#promise #song #love #बगावती
#कसम #lyricist #bollywood

Language: Hindi
Tag: गीत
203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
"चीखें विषकन्याओं की"
Dr. Kishan tandon kranti
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
"एक शोर है"
Lohit Tamta
चांद पर भारत । शीर्ष शिखर पर वैज्ञानिक, गौरवान्वित हर सीना ।
चांद पर भारत । शीर्ष शिखर पर वैज्ञानिक, गौरवान्वित हर सीना ।
Roshani jaiswal
2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कुछ लोग प्रेम देते हैं..
कुछ लोग प्रेम देते हैं..
पूर्वार्थ
22-दुनिया
22-दुनिया
Ajay Kumar Vimal
💐प्रेम कौतुक-466💐
💐प्रेम कौतुक-466💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक सलाह, नेक सलाह
एक सलाह, नेक सलाह
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
तेरे हम है
तेरे हम है
Dinesh Kumar Gangwar
धिक्कार
धिक्कार
Shekhar Chandra Mitra
बरसात
बरसात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तुम नहीं बदले___
तुम नहीं बदले___
Rajesh vyas
आंखों की नशीली बोलियां
आंखों की नशीली बोलियां
Surinder blackpen
मानो जीवन को सदा, ट्वंटी-ट्वंटी खेल (कुंडलिया)
मानो जीवन को सदा, ट्वंटी-ट्वंटी खेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
फितरत को पहचान कर भी
फितरत को पहचान कर भी
Seema gupta,Alwar
(Y) Special Story :-
(Y) Special Story :-
*Author प्रणय प्रभात*
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
देती है सबक़ ऐसे
देती है सबक़ ऐसे
Dr fauzia Naseem shad
भ्रम
भ्रम
Kanchan Khanna
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
ज़माने   को   समझ   बैठा,  बड़ा   ही  खूबसूरत है,
ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
शेखर सिंह
जो समझदारी से जीता है, वह जीत होती है।
जो समझदारी से जीता है, वह जीत होती है।
Sidhartha Mishra
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
मुक्तक - वक़्त
मुक्तक - वक़्त
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम्हें रूठना आता है मैं मनाना सीख लूँगा,
तुम्हें रूठना आता है मैं मनाना सीख लूँगा,
pravin sharma
वर्ल्ड रिकॉर्ड
वर्ल्ड रिकॉर्ड
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...