वाणी
वाणी हमारे व्यक्तित्व को अलग पहचान देती है। इसीलिए हम अन्य जीवों से अलग होते हैं, हमारे पास स्वयं के भावों व विचारों को व्यक्त करने का ये सशक्त माध्यम है लेकिन वाणी का प्रयोग हमें सही ढंग से करने आना चाहिए। वाणी का महत्वपूर्ण गहना मधुरता है, मधुर वाणी से सभी प्रभावित हो जाते हैं। लेकिन अगर वाणी में विनम्रता नहीं है तो बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। अगर आप स्वयं की बात किसी के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं और उसमें विनम्रता व मधुरता का समावेश हो तो वह दोगुना प्रभावशाली संप्रेषित होगा अगर ये अपने मर्यादा में रहे तो हमारें व्यक्तित्व का सबसे सुंदर गहना है। पानी और वाणी अगर अपनी मर्यादा तोड़े तो विनाश व सर्वनाश होता है।
।।रुचि दूबे।।