वह हास्य अभिनेता जिसे कौवा बिरयानी कहते है ( विजयराज )
नमस्कार स्वागत है आप सबका नारद टीवी पर मै हूं अनुराग सूर्यवंशी दोस्तो आज के इस एपिसोड में हम बात करेंगे उस हरफनमौला कॉमेडियन की जिसके हरेक चुटीले संवाद को फिल्मो मे दर्शको द्वारा खूब सराहा गया जिसके जीवंत अभिनय ने लोगो को हंसने के लिए मजबूर कर दिया ।
जी हम बात कर रहे है बालीवुड फिल्मो के हास्य अभिनेता विजयराज के बारे में ।
अपने अदायगी से सबके पेट में गुदगुदी करने वाले हास्य अभिनेता विजयराज का जन्म 5 जून 1963 को भारत की राजधानी दिल्ली मे हुआ था ।
अगर विजयराज के शुरूआती जीवन की तरफ रूख करे तो इनकी शिक्षा -दीक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी के PGDAV कॉलेज से हुई ।जहां पर विजयराज अपने स्कूली समय से ही ड्रामेटिक सोसायटी से जुड़े थे और जब विजयराज ने भारतीय फिल्मो मे अभिनय करने की सोचा तो
इन्होने अपने अभिनय को निखारने के लिए मुम्बई की तरफ रूख किया और वहां जाकर वह NSD से जुङ गए। और इसी NSD ने इन्हे फिल्म में काम भी दिलवाया । एक दिन जब ये राष्ट्रीय नाट्य एकेडमी (NSD) मे एक नाटक कर रहे थे तो इनके अभिनय पर अभिनेता नसीरूद्दीनशाह की नजर पड़ी जो उनकी एक्टिंग को देखकर बहुत प्रभावित हुए और नाटक खत्म होने के बाद उनसे जाकर मिले और विजयराज को सन् 1999 मे आई फिल्म ” भोपाल एक्सप्रेस ” मे काम करने की पेशकश की और विजयराज ने हांमी भर दी और उन्होने उसी फिल्म से बालीवुड फिल्म इंडस्ट्री मे अपना डेब्यू किया इस फिल्म मे विजयराज के किरदार का नाम बदरू था । जो एक हास्यास्पद नाम था । उस फिल्म मे विजयराज ही नही बल्कि अभिनेता नसीरूद्दीनशाह और 70 के दशक की मशहूर अभिनेत्री जीनत आमान भी थी ।
और इसके बाद तो विजयराज ने जब फिल्मो मे बतौर हास्य अभिनेता कदम रखा तो दर्शको को इतना भाए की एक समय के लिए जॉनी लेवर, दिनेश हिंगू और राजपाल यादव जैसे हास्य अभिनेताओ को तो लोग भूल ही गए थे । तो चलिए हम आपको विजयराज के हास्य अभिनय से सजी कुछ फिल्मो की जबर्दस्त हास्य किरदार की झलकिया दिखाते है ।
2001 में विजयराज ने मॉनसून वेडिंग नामक एक फिल्म में पी के दूबे की भूमिका निभाई थी और इसमे इन्होने तो कमाल ही कर दिया और उस फिल्म के बेहतरीन हास्य अदायगी के लिए तो उन्हे उस वर्ष के बेस्ट कॉमेडियन जि-सिने आवार्ड से नवाजा गया क्योंकि उस फिल्म मे विजयराज ने दर्शको के पेट मे खूब गुदगुदी की थी और उसके बाद
विजयराज ने सन् 2004 मे आई फिल्म रघु रोमियो मे रघु का किरदार निभाया और दर्शको को खूब हँसाया और वह फिल्म इतनी मकबूल हुई की उस फिल्म को उस वर्ष का बेस्ट कॉमेडियन जि-सिने आवार्ड से नवाजा गया क्योकि उस फिल्म मे विजयराज ने अपने हास्य आदायगी से दर्शको के पेट मे खूब गुदगुदी की थी । वैसे तो विजयराज ने बहुत से फिल्मो मे अपने हंसी औलाद खुशी के छाप से लोगो के दिलो पर राज किया है पर हम इस एपिसोड मे उनके कुछ बेहतरीन अदायगी की ही चर्चा कर रहे है । विजयराज ने सन् 2004 में आई फिल्म RUN मे गणेश की भूमिका निभाई थी । जिस फिल्म मे अभिषेक बच्चन इनके दोस्त रहते है । और इस फिल्म मे विजयराज गणेश नही बल्कि कौवा बिरयानी के नाम से छा गए और उनके इस किरदार के लोकप्रियता का यह आलम हुआ की लोग इन्हे कौवा बिरयानी ही कहने लगे । इस फिल्म मे उन्होने वह अभिनय किया की हंसी रूकने का नाम ही नही ले रही थी और हंसते हंसते पेट मे दर्द होने लगा था यह थी विजयराज के अभिनय की झलक । इसके लिए उन्हे उस वर्ष के बेस्ट परफार्मेंस कॉमिक रोल के लिए नॉमिनेट किया गया था ।
और उस समय विजयराज का अभिनय भारतीय फिल्म इंडस्ट्री मे हास्य कलाकार के रूप मे परवान चढ़ के बोल रहा था । और इनको नाम और शोहरत सब कुछ मिल रहा था ।
2007 मे आई कॉमेडी फिल्म धमाल मे तो इनका एरोप्लेन गाइडर के रूप मे देवकुमार मल्लिक या DK मल्लिक का किरदार दर्शको द्वारा खूब सराहा गया और हास्यास्पद बताया गया । विजयराज जिस फिल्म मे होते उस फिल्म मे हंसी की पुरी बरसात हो जाती है और दर्शक खूब पसंद करते है इनके एक्टिंग को । वैसे तो विजयराज ने कई बॉलीवुड फिल्मो मे काम किए चाहे वह बॉम्बे टू गोवा रही, वेलकम, अनवर, तंदूरी लव, बारह आना,यह मेरा इण्डिया, जुगाड़, एक से बुरे दो जैसी फिल्मो मे इन्होने जोरदार और जबर्दस्त एक्टिंग की ।इनके हास्य अभिनीत फिल्मो की फेहरिस्त इतनी लम्बी है की सीमित समय मे सारे फिल्मो के किरदारो की झलकी नही दिखाई जा सकती है। सन् 2011 मे विजयराज ने बालीवुड फिल्म “गली-गली चोर है ” में चुन्नू फरिश्ता का हास्य किरदार निभाया था जिसने लोगो को खूब हंसाया । इसी तरह विजयराज का फिल्मो का सुनहरा दौर चलता रहा लेकिन एक समय उनके ऊपर संकट के भी बादल मंडराया और वो ड्रग तस्करी मे संलिप्त बताए गए और वो भारतीय न्यायव्यवस्था के घेरे मे आ गए थे और इनकी जमकर आलोचना भी हुई थी । यह बात सन् 2005 की है जब विजयराज को दुबई एयरपोर्ट पर ड्रग्स ले जाने के आरोप लगाए गए थे । इनकी कितनी भी आलोचना क्यो न हुई इनकी आलोचना के आगे उनकी हास्यकलाकारी भारी पड़ी और उनके चाहने वाले ने इनका पुरा सपोर्ट किया और इनके हौसले और मनोबल को बढाते रहे ।विजयराज का फिल्मी सफर आज भी जारी है इन्होंने इसी वर्ष 2020 की दो फिल्मो लूटकेस और गुलाबो सिताबो मे नजर आए और अपनी अदायगी से फिल्म को हिट करने की पूरी कोशिश की ।
विजयराज ने निर्देशन के भी क्षेत्र मे अपना हाथ आजमाया और बनाई फिल्म ” क्या दिल्ली क्या लाहौर ” जिसमे भारत के बंटवारे को लेकर से जुड़े तथ्य दिखाए गए है और विजयराज ने इसी फिल्म से अपने निर्देशन में डेब्यू किया जो फिल्म सन् 2014 में आई थी और इस ऐतिहासिक फिल्म ने लोगो का ध्यान अपनी तरफ खींचा और बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म भी सफल रही ।
नारद टीवी विजयराज के हौसले और हास्य अदायगी को सलाम करता है और उनके यशस्वी और उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है ।
?? धन्यवाद ??
This Article is written by group c writer Rj Anand Prajapati