वर दो नगपति देवता ,महासिंधु का प्यार(कुंडलिया)
वर दो नगपति देवता ,महासिंधु का प्यार(कुंडलिया)
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वर दो नगपति देवता ,महासिंधु का प्यार
पेड़ हरे पौधे मधुर , मिले स्वास्थ्य उपहार
मिले स्वास्थ्य उपहार ,धरा पावन कर जाओ
नदियाँ हों निर्दोष , वायु नित स्वच्छ बहाओ
कहते रवि कविराय ,हरित सुषमा सब कर दो
खुल कर लें सब साँस ,देवता यह शुभ वर दो
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नगपति = भगवान शिव ,हिमालय पर्वत
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451