वर्तमान
छद्म का संसार
प्रकट है ,
यथार्थ का अस्तित्व
विलुप्त है ,
अनाचार , भ्रष्टाचार मे
मानव लिप्त है ,
नीति, आदर्श , संस्कार ,
सब सुप्त हैं ,
आचार ,व्यवहार , विचार,
सब गुप्त हैं ,
क्लेशयुक्त, कष्टप्रद,
जीवन निमित्त है ।
छद्म का संसार
प्रकट है ,
यथार्थ का अस्तित्व
विलुप्त है ,
अनाचार , भ्रष्टाचार मे
मानव लिप्त है ,
नीति, आदर्श , संस्कार ,
सब सुप्त हैं ,
आचार ,व्यवहार , विचार,
सब गुप्त हैं ,
क्लेशयुक्त, कष्टप्रद,
जीवन निमित्त है ।