वर्तमान में देशहित पटकथा
हार में भी,जीत का जश्न,
कैसा चल पड़ा ये फैशन.
खत्म हुई जब पुरानी पेंशन,
मुलाजिम की उड़ गई नींद..
और बढ़ गई जब टेंशन..
मना रहे थे ..
हार में भी,जीत का जश्न.
हार में भी,जीत का जश्न,
कैसा चल पड़ा ये फैशन.
खत्म हुई जब पुरानी पेंशन,
मुलाजिम की उड़ गई नींद..
और बढ़ गई जब टेंशन..
मना रहे थे ..
हार में भी,जीत का जश्न.