Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2024 · 1 min read

वर्ण पिरामिड

वर्ण पिरामिड

जो
पीड़ा
सहता
है रहता
वह मानव
योगी जैसा होता
महामना बनता।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 54 Views

You may also like these posts

टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
लक्ष्मी सिंह
मीठे बोल
मीठे बोल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सेनेटाइज़र~जिंदगी
सेनेटाइज़र~जिंदगी
bhandari lokesh
3036.*पूर्णिका*
3036.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक अधूरे सफ़र के
एक अधूरे सफ़र के
हिमांशु Kulshrestha
कोई और था
कोई और था
Mahesh Tiwari 'Ayan'
■ कामयाबी का नुस्खा...
■ कामयाबी का नुस्खा...
*प्रणय*
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
*आया जन्म दिवस मगर, कैसे कह दूॅं हर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
🌹 इस्लाम  ने  मोहब्बत  का  पैगा़म दिया  है  ।
🌹 इस्लाम ने मोहब्बत का पैगा़म दिया है ।
Neelofar Khan
"कसौटी"
Dr. Kishan tandon kranti
कठोर व कोमल
कठोर व कोमल
surenderpal vaidya
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
ठीक है
ठीक है
Neeraj Agarwal
तेरा गांव और मेरा गांव
तेरा गांव और मेरा गांव
आर एस आघात
सादापन
सादापन
NAVNEET SINGH
गर्मी से है बेचैन,जरा चैन लाइये।
गर्मी से है बेचैन,जरा चैन लाइये।
Sachin Mishra
मै कमजोर नहीं
मै कमजोर नहीं
Shutisha Rajput
प्रतिदिन ध्यान लगाये
प्रतिदिन ध्यान लगाये
शिव प्रताप लोधी
युद्ध
युद्ध
Shashi Mahajan
तुम आ जाओ एक बार.....
तुम आ जाओ एक बार.....
पूर्वार्थ
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
زخم اتنے مل چکے ہیں تتلیوں س
زخم اتنے مل چکے ہیں تتلیوں س
अरशद रसूल बदायूंनी
पाक-चाहत
पाक-चाहत
Shyam Sundar Subramanian
भारतीय सेना है चीते
भारतीय सेना है चीते
Santosh kumar Miri
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कान्हा को समर्पित गीतिका
कान्हा को समर्पित गीतिका "मोर पखा सर पर सजे"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
शेखर सिंह
रूपमाला
रूपमाला
डॉ.सीमा अग्रवाल
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं है
Ranjeet kumar patre
Loading...